रायपुर। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा आज अचानक सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के अतिसंवेदनशील ग्राम पूर्वर्ती पहुंचे, जहाँ उन्होंने ग्रामीणों के बीच जनचौपाल का आयोजन किया। इस चौपाल में गांव के लोग और पूर्वर्ती से जुड़े नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा और बारसे देवा के परिजन भी शामिल हुए।
इस दौरान माड़वी हिड़मा की माता श्रीमती माड़वी पुंजी और बारसे देवा की माता श्रीमती बारसे सिंगे सहित दोनों परिवारों के कई सदस्य उपस्थित रहे।
गांव में अब दिख रहा विकास
ग्रामीणों ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि पहले गांव में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य जैसी कोई सुविधा नहीं थी। बारिश में पूरा इलाका एक टापू बन जाता था। लेकिन “नियद नेल्ला नार” योजना से अब सड़क पहुँच गई है और गांव में राशन, दवाई और खाद की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ भोजन किया, उपहार दिए और उनकी माँगों पर अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
माताओं की भावनात्मक अपील
इस चौपाल में नक्सली लीडरों की माताओं ने अपने बेटों से भावुक अपील की —
“परिवार, गाँव और समाज को छोड़कर जंगल में हथियार लेकर भटकने से किसी का भला नहीं होता। अपने हथियार छोड़ो, समाज और परिवार में लौट आओ, विकास के काम में जुड़ो।”
उन्होंने अपने बेटों के नाम वीडियो संदेश जारी कर पुनर्वास की अपील भी की है।
सरकार का भरोसा
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा —
“जो युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होंगे, सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी। वे समाज के विकास की नींव बन सकते हैं। हमारा उद्देश्य बस्तर में शांति और विकास स्थापित करना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा दक्षिण बस्तर के भटके युवाओं के पुनर्वास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
जवानों से मुलाकात और श्रद्धांजलि
पूर्वर्ती में स्थापित 150वीं बटालियन कैंप में जाकर शर्मा ने नक्सल मोर्चे पर तैनात केंद्रीय बलों और पुलिस जवानों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा —
“बस्तर के जवानों का पराक्रम और बलिदान राज्य की अमूल्य धरोहर है। उनकी वीरता ने क्षेत्र में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।”
उपमुख्यमंत्री ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और जवानों से क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था व विकास कार्यों की जानकारी ली।
इस अवसर पर बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर देवेश ध्रुव, एसपी किरण चौहान और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
